- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
गंदे पानी से त्रस्त उज्जैन! महापौर ने सड़क पर बैठकर प्रशासन को जगाया, महापौर के धरने के बाद शुरू हुआ काम; 1.5 साल से गंदा पानी पी रहे थे लोग
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन में प्रशासन की लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया, जिसने शहरभर में हड़कंप मचा दिया। महापौर मुकेश टटवाल और एमआईसी सदस्यों को अपनी ही पार्टी की सरकार में अधिकारियों की उदासीनता के खिलाफ सड़कों पर बैठना पड़ा।
दरअसल, शहर के वार्ड 16 में गंदे पानी की गंभीर समस्या से त्रस्त रहवासियों की शिकायतें डेढ़ साल से अनसुनी की जा रही थीं। टूटी पाइपलाइन से गंदा और दूषित पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा था, लेकिन प्रशासन कानों में तेल डाले बैठा रहा। जब महापौर खुद मौके पर पहुंचे और अधिकारियों से जवाब मांगा, तो उन्हें “फंड नहीं है” कहकर टाल दिया गया।
बस फिर क्या था! महापौर और एमआईसी सदस्य वहीं धरने पर बैठ गए और ऐलान कर दिया कि जब तक काम शुरू नहीं होगा, वे यहां से नहीं हटेंगे। जिसके बाद अधिकारियों की नींद टूटी, पीएचई के अधिकारी मौके पर पहुंचे और आनन-फानन में काम शुरू करवाया।
वहीं, महापौर ने कहा, ” यह धरना नहीं था लेकिन अधिकारियों को डेढ़ साल से समस्या बता रहे है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरन हमें बैठना पड़ा, क्योंकि ये लोग काम ही नहीं करना चाहते!”